Feng Shui Tips for Easy ways to stay healthy and fit
फेंगशुई में स्वस्थ और फिट रहने के लिए कई आसान उपाय बताए गए हैं । आप भी इन्हें आजमा कर देखें ।
अच्छे स्वास्थ्य के बिना खुशियों का आनंद नहीं लिया जा सकता । अगर आपका स्वास्थ्य अच्छा है, तो सब कुछ ठीक है । इसके विपरीत यदि आप हमेशा बीमार रहते हैं या तनाव में जीते हैं, तो जीवन नीरस हो जाता है । हेल्दी जीवन के लिए फेंगशुई के नियमों को अपनाएं । इस बदलाव से आप भी जीवन में खुशहाली ला सकते हैं ।
* स्वास्थ्य के लिए घर के प्रवेश द्वार पर विंड चाइम लगाएं । उसके इससे आपका स्वास्थ्य बेहतर होगा और किसी कारणवश आप बीमार पड़ भी गए तो बहुत जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे ।
* लाल और पीले रंग के फूलों को कांच य क्रिस्टल के बने फूल दान में रखें । यह इलाज का उपयोगी और आसान तरीका है । यदि संभव हो तो ताजे फूल ही रखें या फिर कृत्रिम फूल भी रख सकते हैं, लेकिन यह सूखे नहीं होने चाहिए । पेट और पाचन प्रणाली को दुरस्त रखने का यह बहुत ही प्रभावी इलाज है ।
* अपने घर के पूर्वी भाग को ऊर्जावान बनाएं, क्योंकि यह क्षेत्र स्वास्थ्य और दीर्घायु का प्रतिनिधित्व करता है ।
* बांस का पौधा युवा रहने का प्रतीक है, क्योंकि यह सदाबहार होता है । इसमें कोई परिवर्तन नहीं आता । यह हमें आंधी-तूफानों में ही दृढ़ निश्चय के साथ खड़े रहना सिखाता है । यह विश्वास और स्थायित्व का प्रतीक है । इसे घर में अवश्य रखें ।
* ताजे फलों को बाउल में रखें । यह आपकी किचन और खाद्य पदार्थों में पॉजिटिव चाईं को आकर्षित करता है । इससे आप स्वस्थ रहते हैं ।
* मांसाहारी और शाकाहारी खाद्य के सेवन में संतुलन बना कर चले । अपने भोजन में ताजी सब्जियों को शामिल करें । मीट में यान ऊर्जा की अधिकता होती है और इससे आप स्वास्थ्य की समस्याओं या पेट की गड़बड़ से परेशान हो सकते हैं, जबकि साग-सब्जियां आरोग्यता प्रदान करता है । इसलिए शाकाहार का पालन करें ।
पांच तत्व जो आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं:-
* यदि दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्व कोना अव्यवस्थित हे, तो पृथ्वी तत्व प्रभावित होता है । इससे चिंता या तकलीफ की प्रवृत्ति होने का संकेत मिलता है और पेट, प्लीहा और अग्न्याशय संबंधी रोग होते हैं ।
* यदि पश्चिम और उत्तर-पश्चिम कोना अव्यवस्थित है, तो इससे धातु तत्व प्रभावित होता है । इसे फेफड़े और बड़ी आंत से संबंधी समस्या होती हैं ।
* अगर उत्तर का कोना अव्यवस्थित है, तो जल तत्व प्रभावित होता है । इससे घबराहट और किडनी तथा ब्लैडर संबंधी समस्याएं होती हैं ।
* यदि पूर्व या दक्षिण कोना अव्यवस्थित है तो लकड़ी तत्व प्रभावित होता है । इससे लीवर और ब्लैडर संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं ।
* यदि दक्षिण कोना अव्यवस्थित है तो आग तत्व प्रभावित होता है, जिससे हृदय संबंधी समस्या पैदा होती है । अतः तत्वों का संतुलन बनाए रखें, स्वस्थ रहेंगे ।